- 18 पं.स.स. ने बैठक से वाक आउट कर किया बैठक का बहिष्कार
- बीपीआरओ एवं प्रमुख पर लगाया मनमानी का आरोप
- मंदिर परिसर पर बैठे नाराज पं.स.स. को मनाने पहुंचे बीपीआरओ एवं प्रमुख
- दोपहर 2बजे के बाद बैठक को किया गया रद्द
- आक्रोशित पं.स.स. ने एसडीएम एवं डीएम को दिया आवेदन
मधुबनी जिले के झंझारपुर में विगत नौ माह बाद हो रही पंचायत समिति की बैठक शुरू होने के कुछ देर बाद ही रद्द कर दी गई। बैठक शुरू होने के आधे घंटे में ही 18 पंचायत समिति सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार किया। बैठक से 18 पंचायत समिति सदस्य बाहर निकल गए। नाराज पंचायत समिति सदस्य बीपीआरओ एवं प्रमुख के खिलाफ मनमर्जी का आरोप लगा रहे थे। मीटिंग हॉल से बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया और सभी मंदिर परिसर पर जाकर बैठ गए। हो-हंगामे के आधे घंटे बाद बीपीआरओ राजीव रंजन प्रसाद एवं प्रखंड प्रमुख गौरी देवी मीटिंग हॉल से निकलकर मंदिर परिसर में बैठे आक्रोशित पंचायत समिति सदस्य को मनाने पहुंचे, लेकिन वे लोग पुनः बैठक में शामिल होने को राजी नहीं हुए। उन सभी ने आरोप लगाया कि प्रमुख और बीपीआरओ के साथ नाजीर भी मनमर्जी करते हैं। योजनाओं में एकरूपता नहीं है। किसी पंचायत में लाखों लाख की योजना बनाई गई है, जबकि किसी में एक रुपये का काम नहीं की गई। लगभग 2 घंटे तक इंतजार करने के बाद बीपीआरओ ने बैठक रद्द करने की घोषणा की।
वहीं, पंचायत समिति सदस्यों ने अनुमंडल पदाधिकारी एवं जिला पदाधिकारी को संयुक्त आवेदन देकर बैठक से बाहर होने के कारण की जानकारी देते हुए आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की। संयुक्त आवेदन में उन्होंने बताया है बीपीआरओ मनमर्जी करते है। उनके मान-सम्मान का ख्याल नही है। योजनाओं में एकरूपता नही हैं, जिसके कारण उनके क्षेत्र में किसी भी प्रकार का कोई विकास कार्य नहीं हो रहा है। नाराज पंचायत समिति सदस्य के साथ उप प्रमुख राम कृष्ण प्रसाद भी शामिल थे।
इस बाबत उप प्रमुख राम कृष्ण प्रसाद ने बताया कि वह सभी पंचायत समिति सदस्यों के साथ हैं। सदस्यों का आरोप था कि नवानी, परसा, संग्राम, सिमरा, काको, कोठिया,चनौरागंज क्षेत्र 18 में अब तक जीरो काम हुआ है। जबकि नरुआर सहित कुछ जगहों पर लाखों की संख्या में काम किया गया है।
उक्त बैठक का बहिष्कार करने वाले पंचायत समिति सदस्यों में बनवाली मंडल, जगत प्रकाश यादव, श्याम देव प्रसाद, सीता देवी, पंकज पांडे, बीना देवी, नजरुणा खातून, ज्ञानी देवी, श्रवण कुमार कामती, जयराम यादव, जसीना खातून, नीतू कुमारी, विष्णु देव पासवान, रेखा कुमारी, राजेंद्र महतो, स्वर्ण लता देवी, रघुनाथ प्रसाद एवं उप प्रमुख रामकृष्ण प्रसाद शामिल है।
वहीं, बीपीआरओ राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि प्राथमिकता के आधार पर प्रस्तावित योजनाओं में से कार्ययोजना का चयन प्रमुख के द्वारा किया जाता है, जिसकी अनुशंसा बीपीआरओ के स्तर से होती है। सदस्यों को बताया गया की अगली योजनाओं में अन्य जगहों की विकास योजना ली जाएगी, लेकिन वे लोग इस बात को सुनने को तैयार नहीं थे।
बता दें कि बीते नौ माह बाद आज हो रही बैठक के बाबत उन्होंने बताया कि प्रमुख के निर्देश पर बैठक बुलाई जाती है, जब तक उनका निर्देश नहीं होता तब तक बैठक नहीं होती है।
इस बैठक में शामिल अधिकारियों में बीपीआरओ के अलावा सीओ सुमित कुमार, सीडीपीओ रजनी कुमारी, पीओ अजीत कुमार, मुखिया रविंद्र ठाकुर, शत्रुघन प्रसाद सिंह, भगवंत कुमार, शाकिर अंसारी सहित अन्य लोग मौजूद थे। मगर बैठक में दो प्रस्ताव लेने के बाद ही हंगामा कर वकआउट के बाद बैठक रद्द कर दी गई।
उल्लेखनीय है कि इस कार्यकाल की पहली बैठक 30 जून 2022 को हुई थी, जिसके बाद 27 अप्रैल 2023 को दूसरी बैठक हो रही थी। बैठक समाप्ति के बाद भी प्रखंड परिसर में काफी देर तक गहमागहमी बनी रही।