लावारिस नवजात बच्चों के लिए सदर अस्पताल के ओपीडी में पालना लगाया गया है। अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद ने इस बाबत बताया गया कि जो लोग अनचाहे बच्चे को लावारिस अवस्था में जहां-तहां मरने के लिए फेंक देते हैं, वैसे नवजात शिशुओं के जीवन सुरक्षा के लिए यह पालना कार्यक्रम शुरू किया गया है। बताया गया कि जो लोग अपने अनचाहे नवजात शिशु को रखना नहीं चाहते हों वे इस पालने में आकर अपने नवजात को रख दे। ऐसे शिशुओं के स्वास्थ्य की जांच कराकर जिला बाल संरक्षण इकाई को सौंप देगा। यह संस्थान तीन साल तक ऐसे लावारिस शिशुओं का पालन-पोषण करेगा। इसके बाद कोई भी दंपती नए दत्तक ग्रहण कानून के तहत ऐसे बच्चों को अपना दत्तक बना सकते हैं। बताया गया कि सदर अस्पताल में अभी ऐसे एक पालना रखे गए हैं। पीरामल फाउंडेशन के मुदित पाठक ने बताया कि समाज में बराबर ऐसी घटना देखने को मिलती है, जिसमें नाजायज बच्चे या भी अनचाहे बच्चे को लोग जन्म के बाद मरने के लिए जहां-तहां फेंक देते हैं। इस पालना योजना से ऐसे शिशुओं को नया जीवन प्रदान करने में मदद मिलेगी।
मौके पर पीरामल फाउंडेशन के मुदित पाठक, रितिका सिंह शुभम खरे सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे।
