मधुबनी जिले के जयनगर में भारत-नेपाल सीमा पर तैनात 48वीं बटालियन एसएसबी मुख्यालय जयनगर के कार्यवाहक कमांडेन्ट आर. विशाल के निर्देशानुसार “डी” समवाय दुल्लीपट्टी के समवाय प्रभारी निरीक्षक सोम लाल के नेतृत्व में नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत दुल्लीपट्टी एसएसबी के द्वारा नशा मुक्ति अभियान के तहत शपथ, जन जागरूकता का संदेश लेकर रेली निकली गयी। नारे लगाकर नशा छोड़ने के लिए आम लोगों को प्रेरित किया गया और रैली के माध्यम से जन संदेश पहुंचाया साथ ही शपथ लेकर सभी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों ने नशा नहीं करने की शपथ ली और दूसरे लोगों को भी नशा न करवाने और नशा छुड़वाने के लिए शपथ ली गई।
जागरूकता रैली के दौरान निरीक्षक सोम लाल ने कहा कि हर माता-पिता का अरमान होता है कि उसकी औलाद उससे भी आगे निकले और इस दुनिया में अपना एक नाम एक मुकाम स्थापित करें।
यूं तो संतान किसी की गलत नहीं होती और कोई भी माता-पिता उसे गलत राह पर जाने की शिक्षा नहीं देंगे।
नशा तो वह नरक है, जिसमें यदि प्राणी एक बार प्रवेश कर गया, अपने गलत निर्णय से तो वह उसी में घूमता रहता है। उसी चक्कर में और जब उसका घूमते घूमते सर्वनाश हो जाता है और अंत हो जाता है। नशा उस नर्क के समान है, जिसमें गिरकर प्राणी रहकर उसमें सुख पाने के चक्कर में या अपने पश्चाताप के चक्कर में उसकी लत को अपनाता रहता है और उसी में चक्कर लगाता रहता है या ऐसी दुनिया है, जो आपको आकर्षित करेगी। आप यदि युवा पीढ़ी के हैं, तो निश्चय ही हमारी युवा पीढ़ी जो है वह नए-नए तरीकों को आजमाने और रिस्क लेने और नई चीजों का अन्वेषण करने की चाहत युवा पीढ़ी में कूट-कूट कर भरी होती है। हर चीजों को जानना परखना समझना, ही हमारी युवाओं का एक उद्देश्य होता है जब हम वयस्क हो जाते हैं। इन सब चीजों से परे हो जाते हैं हम को यह ज्ञान हो जाता है कि क्या अच्छा है क्या बुरा है।
यही हम वरिष्ठ नागरिकों का आम नागरिकों का कर्तव्य है कि अपने समाज को यदि हमें नशा मुक्त बनाना है, तो हमें समाज में या अपने आसपास घटित ऐसी घटनाओं को रोकना पड़ेगा और उसमें आगे बढ़ना पड़ेगा यह नहीं सोचना है हमें कि हम से क्या मतलब है?
हमारी इस छोटी सी पहल से जाहिर सी बात है। यदि हम सब मिलकर एक हो जाएं और अपने मोहल्ले-अपने समाज अपने आसपास के क्षेत्रों में नशा करते हुए व्यक्ति को सावधान करें और उसका नशा छुड़ाने की कोशिश करें उसे संकल्प लेना है कि मैं जीवन में कभी नशा नहीं करूंगा, यह बहुत बुरी चीज है।
इसके दुष्परिणामों को बताते हुए उसे सावधान करें, तभी यह अभियान पूर्ण रूप लेगा और सफल हो सकेगा और हमारा समाज एवं हमारे जितने भी समाज में रहने वाले व्यक्ति हैं, जो नशे की गिरफ्त में है वह नशे से बाहर आयेगा और स्वस्थ जीवन जी सकेगा।
यह नेक कार्य करके हम निश्चय ही पुण्य के भागी होंगे और हमारा समाज भी स्वस्थ समाज कहलाएगा।
इस मौके पर एसएसबी के जवानों के अलावा, कई बच्चे एवं स्थानीय लोग भी शामिल हुए।
