कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 के आलोक में जिला पदाधिकारी मधुबनी, अरविन्द कुमार वर्मा द्वारा व्यापक निर्देश जारी किए गए हैं।
बताते चलें कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश के आलोक में ऐसे सभी कार्य स्थलों जहां दस से अधिक कर्मी कार्यरत हैं, वहां महिलाओं के यौन उत्पीड़न पर कार्रवाई के लिए आंतरिक शिकायत समिति के गठन करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें उक्त कार्यस्थल की वरीय महिला कर्मी अध्यक्ष मनोनित होंगी (परंतु किसी कार्यस्थल में वरिय महिला कर्मी उपलब्ध नहीं रहने की स्थिति में नियोक्ता अपने अन्य कार्यालय या प्रशासनिक इकाई से अथवा अन्य स्थानों पर अवस्थित अपने नियंत्रणाधीन कार्यालयों से अध्यक्ष का मनोनयन कर सकेगा)। कर्मचारियों में से कम-से-कम दो सदस्य जिनकी महिला मुद्दों के प्रति प्रतिबद्धता हो, अथवा जो महिला मुद्दों की समझ रखते हों इसके सदस्य रहेंगे। इसके अतिरिक्त महिलाओं के मुद्दों के प्रति प्रतिबद्ध गैर सरकारी संगठन या समूह का एक सदस्य अथवा महिला लैंगिक प्रताड़ना मुद्दों से परिचित कोई व्यक्ति इसके सदस्य होंगे।
बताते चलें कि सभी प्रकार के सरकारी/अर्द्ध सरकारी/गैर सरकारी निगम/निकाय/विद्यालय एवं अन्य कार्य स्थलों पर जहां दस से कम कर्मचारी कार्यरत हैं, वहां पर लैंगिक उत्पीड़न रोकने के लिए मधुबनी जिला हेतु स्थानीय शिकायत समिति का गठन किया गया है।
इस समिति में अध्यक्ष के रूप में निधि राज, पीजीआरओ, सदर, मधुबनी, पदेन सदस्य के रूप में कविता कुमारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आईसीडीएस,
सदस्य सचिव, बीना चौधरी, परामर्शी, सखी वन स्टॉप सेंटर मधुबनी (76779 29007) तथा सदस्य के रूप में सुधा कुमारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, बाबूबरही एवं निर्मला देवी सचिव, सर्वोप्रयास संस्थान, मधुबनी को मनोनीत किया गया है।
उक्त समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य का कार्यकाल गठन की तिथि से तीन वर्ष के लिए होगा, जो पदाधिकारी या कर्मी के पदस्थापना के अनुरूप परिवर्तनीय होगा।
गौरतलब हो कि तत्काल आधारभूत संरचना के रूप में कार्यालय कार्य, बैठक एवं परामर्श सेवा हेतु “सखी वन स्टॉप सेंटर, मधुबनी कार्यालय शनिचरा स्थान, आर.के. कॉलेज रोड” का कार्यालय स्थल का उपयोग किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने कहा है कि कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए सरकार द्वारा यह ठोस पहल की गई है। जनहित को देखते हुए ऐसे सभी कार्यस्थल जहां दस से अधिक कर्मी हैं, वहां आंतरिक शिकायत समिति का गठन जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। इसके लिए सिविल सोसाइटी को अपनी जागरूकता का परिचय देते हुए आगे आना चाहिए।