- यज्ञो वै श्रेष्ठतमं कर्म
- सत्संग के द्वारा विवेक की होती है प्राप्ति
- सैकड़ों की संख्या में लोग यज्ञस्थल पहुंच लगा रहे हैं प्रदक्षिणा
- यज्ञ की पूर्णाहुति 28 को होगी
- नौ दिवसीय शिव शक्ति महायज्ञ खराजपुर में 19 से है शुरू
दरभंगा
सनातन धर्म में यज्ञ का महत्वपूर्ण स्थान है। यज्ञ एक विशेष धार्मिक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा मनुष्य न केवल भौतिक सुख अपितु आध्यात्मिक संपदा भी प्राप्त कर सकता है। शतपथ ब्राह्मण के अनुसार यज्ञो वै देवानामात्मा। अर्थात सब देवताओं की आत्मा यज्ञ है। साधु-संतों एवं ऋषि मुनियों ने समय-समय पर लोक कल्याण के लिए यज्ञ करवाया करते थे। यज्ञ में अग्नि प्रत्यक्ष देव के रूप में पूजे जाते हैं। यज्ञ में प्रदत्त आहुतियां को अग्निदेव अन्य देवी-देवताओं के पास ले जाते हैं फिर समस्त देव उन आहुति के बदले कई गुना सुख समृद्धि एवं धन-धान्य प्रदान करते हैं।
यज्ञ में जिन मंत्रों का उच्चारण किया जाता है उनकी शक्ति असंख्यों गुनी अधिक होकर संसार में फैल जाती है और विश्व का कल्याण करती है।
ये बातें दरभंगा जिले स्थित बहादुरपूर प्रखंड के खराजपुर पंचायत के खराजठाकुर भैरवस्थान में चल रहे नौ दिवसीय शिव शक्ति महायज्ञ में चौथे दिन प्रवचन करते हुए कथा व्यास आचार्य नटवर नारायण व्यास ने कहा।
19 जून से शुरू इस महायज्ञ में संध्याकाल प्रतिदिन 6 बजे से देवीभागवत पुराण का प्रवचन करते हुए गुरुवार को आचार्य नटवर नारायण दास ने कहा कि कथा श्रवण से अंत:करण पवित्र हो जाता है। सत्संग के द्वारा ही विवेक की प्राप्ति होती है। दुष्ट व्यक्ति भी कथा के आश्रय से सहज ही सज्जन बन जाता है। जैसे पारस के स्पर्श से लोहा स्वर्ण बन जाता है। सम्राट परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने श्री वेदव्यास जी के श्रीमुख से जगतजननी जगदम्बा की अलौकिक कथाओं को सुनकर अपने पिता को देवी लोक की प्राप्ति करवाया। ब्रह्मा, विष्णु, महेश भी शक्ति के सहयोग से ही त्रिगुणमयी सृष्टि का निर्माण करते है।
यज्ञ के मुख्य यजमान सह अध्यक्ष प्रो. गोविंद झा ने बताया कि ग्रामीणों के सहयोग से इस शिव शक्ति महायज्ञ का आयोजन हुआ है। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में आसपास के लोग यज्ञमंडप की प्रदक्षिणा कर अपनी आस्था समर्पित कर रहे हैं। यज्ञाचार्य प्रो. विद्येश्वर झा के नेतृत्व में संचालित गुरुवार को चौथे दिन कुंड में घी की आहुतियां दी गई।
संगीतमय कथा प्रवचन में गायन कलाकार गायक प्रवीण कुमार, दिवाकर, बिन्दु एवं राजन श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत भजन पर देर रात तक श्रोता गोता लगाते रहे। वहीं कथा के मध्य में वृन्दावन से पधारे अलौकिक झाँकी की प्रस्तुति भी श्रोताओं को रोमांचित करती रही। अलवत्ता जो भी हो खराजपुर गांव इन दिनों भक्ति की सरिता में डूबी हुई हैं।