जयनगर/#झंझारपुर/#मधुबनी/#नेपाल
पडोसी देश नेपाल के तराई इलाकों में हो रही बारिश के कारण एक बार फिर भारत-नेपाल सीमा पर अवस्तिथ जयनगर एवं झंझारपुर इस्तिथ #कमला #नदी का जलस्तर में वृद्धि हो गई है। नेपाल के तराई क्षेत्र एवं जिले में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जिले की नदियां उफान पर आ गई है। कमला बलान नदी झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे नदी के पूर्वी एवं पश्चिमी तटबंध के बीच बसे दो दर्जन से अधिक गांव के लोगों में काफी डर व्याप्त है। लोग काफी डरे सहमे हुए हैं। तटबंध पर दबाब बढ़ता जा रहा है। कमला बलान नदी के पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के बीच बसे गांव में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। फिलहाल पानी नदी के पेट में ही है, ज्यादा होने पर पानी गांव की ओर गांव में घुस जाता है, जिस वजह से अमन-चैन सब छिन जाता है। पशुओं को चारा का काफी अभाव हो जाता है, जिससे लोग काफी डरे सहमे हुए हैं। खासकर मधवापुर,बुलान्ंशेर,नवटौली,भ्दुआर, इस्लामपुर,बेला आदि गांवों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। नदी के जलस्तर में वृद्धि होने लगी हैं, साथ ही वृद्धि का क्रम अभी तक जारी हैं। लोगों को अब बाढ़ का भय सताने लगा है। कमला नदी के जलस्तर में वृद्धि होने और मौसम विभाग द्वारा आगामी दो दिनों तक जिले समेत नेपाल के तराई इलाकों में बारिश होने की जारी चेतावनी के कारण एक बार फिर इलाके के लोगो को संभावित बाढ़ की चिंता सताने लगी है। लोग कमला नदी के जलस्तर में हो रही वृद्धि को जानने के लिए बेचैन होने लगे हैं।
बाढ़ प्रमंडल के कनीय अभियंता मनोज कुमार ने बताया कमला बलान नदी में जलस्तर के वृद्धि हो रही है। हालांकि विभाग पूर्ण रूप से सक्रिय है, पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है। बुधवार को नदी के जलस्तर में दोपहर से बृधि हो रही है। फिलहाल झंझारपुर में कमला नदी खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। बांध पूर्ण रूप से सुरक्षित है। बांध पर कोई दबाव फिलहाल नहीं है,सुरक्षित है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। वही, नवटोली गांव निवासी रघुनाथ यादव, मनोज यादव, सूरज मुखिया, वेदनाथ मुखिया ने बताया कमला नदी में पानी आने के साथ हम लोगों का जान माल का खतरा बढ़ जाता है। पशुओं को चारे की काफी दिक्कत हो जाती है। ज्यादा पानी आने पर पानी गांव में प्रवेश कर जाता है। जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। हम लोगों को बांध पर सहारा लेना पड़ता है। सन 2019 की बाढ़ की त्रासदी की याद सताने लगती है। कई परिवार घर से बेघर हो चुके थे। कई मकान नदी में समा गई थी।
बता दे कि 13 जुलाई 2019 को कमला नदी में आयी भीषण बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी। अब देखना है आने वाले समय में विभाग का यह दावा की तैयारी पूरी की गई है, यह कितना सफल और सही साबित हो पाता है?