
मौसम की मार खेती किसानी पर पड़ना तय है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि फिलहाल ओला और बदली से मौसमी फलों की फसल को काफी नुकासन पहुंच रहा है। आने वाले दिनों में मौसम विभाग की भविष्यवाणी के तहत बारिश व ओला पड़ने की आशंका है। ऐसे में अन्य फसलों की फसल पर भी प्रभाव पड़ेगा।
मौसम की मार न केवल इंसान पर पड़ रहा है, बल्कि ये मौसम इसी तरह से बना रहा तो दलहन व तिलहन की फसल ज्यादा प्रभावित होगी। वहीं अगर ओला पड़ता है, तो ये मौसमी फलों की फसल के लिए भी नुकसान दायक होगा। स्थानीय लोगों की मानें तो मौसमी फलों की फसल ज्यादा प्रभावित हो सकती है। इस पर रोग भी लग सकते हैं।
बता दें कि मई की शुरूआत से ही मधुबनी जिले सहित पूरे बिहार के कई इलाकों में बदली, कोहरा का माहौल बना है। पिछले दिनों कुछ बारिश भी हुई। मौसम विभाग का आंकलन है कि अभी मौसम इसी तरह से बना रहेगा। पूर्व की ओर से आ रहे बादल की वजह से पूर्वी बिहार के कई जिलों में बारिश शुरू भी हो गई है। दो दिन बाद मधुबनी जिले के जयनगर सहित सहित कई क्षेत्रों में छिटपुट बारिश की भी आशंका है। ये माहौल खेती-किसानी के लिए नुकसान दायक हो सकता है। खास तौर से मौसमी फलों की फसलों को।
बताया कि नमी के चलते मौसमी की फसल में माहो का प्रकोप होता है, जो बीज बनने को प्रभावित करता है।
इस बाबत स्थानीय किसानों ने बताया कि अगर कहीं ओला पड़ा, तो वो सभी फसलों को प्रभावित करेगा। यहां तक कि एक भी फसल नहीं बचेगा, साथ ही आने वाली फसल भी प्रभावित होगी। वजह ये कि अभी जिस तरह से बारिश हुई है, उससे तो गेहूं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना है। लेकिन ओला पड़ने की सूरत में गेंहूं की फसल लोट जाएगी, जिससे किसान की मेहनत पर पानी फिर सकता है।
बताया कि ओला सब्जियों पर भी गहरा असर होगा। उन्होंने कहा कि ओला पड़ने से कोई भी फसल हो उसके लोटने का खतरा पैदा हो जाता है।
बाइट :- किसान।
