• स्वास्थ्य विभाग की अनोखी पहल,गर्भवती महिलाओं के लिए राज्य में सिर्फ मधुबनी जिले में किया गया है प्रयास
•प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर का होता है आयोजन
मधुबनी जिले में सुरक्षित प्रसव व संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक नई पहल की गई। प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान के तहत प्रत्येक माह की 9 तारीख को विशेष शिविर लगाकर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व (एएनसी) जाँच की जाती है। जिसमें गर्भवती महिला अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता के सहयोग से अपने-अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए एएनसी जाँच करवाने को आती है। जाँच के पश्चात चिकित्सकों द्वारा गर्भवती को आवश्यकतानुसार चिकित्सा परामर्श दिया जाता है। जिसमें रहन-सहन, साफ-सफाई, खान-पान, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियाँ, मेडिकल टीम द्वारा गर्भवती महिलाओं की ब्लड, यूरिन, एचआईवी, ब्लड ग्रुप, बीपी, हार्ट-बिट आदि की भी जाँच समेत अन्य चिकित्सा परामर्श विस्तार पूर्वक दिया जाता है। अब मधुबनी स्वास्थ्य प्रशासन के द्वारा एक नई पहल करते हुए प्रत्येक सप्ताह के बृहस्पतिवार को एक अनुमंडल का चुनाव कर उसके अंतर्गत आने वाले सभी पीएचसी पर मिनी पीएमएसए का शिविर लगाया जा रहा है। जिसमें गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती है। इस अभियान की जिले में शुरुआत भी कर दी गई है जो राज्य में अपनी तरह का एक अनोखा और पहला प्रयास है। कार्यक्रम के तहत गुरुवार को झंझारपुर अनुमंडल अस्पताल के अंतर्गत आने वाले सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मिनी पीएमएसएमए का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने लाभ उठाया। . योजना के चलाए जाने के बाद जिले में एएनसी कराने वाली महिलाओं की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। .
प्रसव पूर्व जांच (एएनसी )में हुई बढ़ोतरी :
जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सुनील कुमार ने बताया कार्यक्रम के तहत अबतक 19 मई को फुलपरास अनुमंडल के अंतर्गत सभी पीएचसी में, 26 मई को जयनगर अनुमंडल के सभी पीएचसी में,3 जून को बेनीपट्टी, 9 जून को पूरे जिले में तथा 23 जून को झंझारपुर अनुमंडल अस्पताल के अंतर्गत आने वाले सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मिनी पीएमएसएमए का शिविर लगाया गया है। आंकड़ों की बात करें तो जिले में एएनसी कराने वाली गर्भवती महिलाओं की संख्या अप्रैल माह में 96 % थी जो मई माह में बढ़कर 107% हो गया। वहीं सदर अस्पताल के ओपीडी में अप्रैल में 54%, मई माह में 66% की बढ़ोतरी, फुलपरास अनुमंडल अस्पताल में अप्रैल माह में 112% से बढ़कर मई माह में 123%, जयनगर अनुमंडलीय अस्पताल में अप्रैल माह में 88% से बढ़कर मई में 109%, बेनीपट्टी अनुमंडल अस्पताल में अप्रैल माह में 93% से मई माह में बढ़कर 94%, झंझारपुर अनुमंडल अस्पताल में अप्रैल माह में 90% मई माह में बढ़कर 96% हो गया। .
सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए प्रसव पूर्व जाँच जरूरी :-
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया, प्रसव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तुरंत जाँच करानी चाहिए। दरअसल, समय पर जाँच कराने से किसी भी प्रकार की परेशानी का शुरुआती दौर में ही पता चल जाता है और पता लगने पर ही उसे आसानी से दूर किया जा सकता है। इसके लिए सरकार द्वारा प्रत्येक माह की नौ तारीख को पीएचसी स्तर पर एएनसी जाँच की व्यवस्था की गई है। ताकि प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की अनावश्यक शारीरिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े और सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा मिल सके । साथ ही सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जाँच कराना जरूरी है।
शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने की है बेहतर व्यवस्था :-
सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जाँच के लिए की गई यह व्यवस्था शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने की बेहतर व्यवस्था है। सरकार की यह व्यवस्था मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में अच्छी पहल है। इससे ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव होगा, बल्कि शिशु-मृत्यु दर पर विराम लगेगा। इसके साथ ही जच्चा-बच्चा दोनों को अनावश्यक परेशानियाँ का सामना नहीं करना पड़ेगा।