मधुबनी जिले के मधवापुर में बिहार लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत प्रखंड मुख्यालय पंचायत मधवापुर में अब हर दिन सुबह-सुबह स्वच्छताकर्मियों के सीटियों की आवाज गूंजेगी। जहां, स्वच्छताकर्मी हर सुबह मधवापुर के सभी 14 वार्डों में स्थित घरों के दरवाजों से सिटी बजाकर कचरा का रिक्शे पर उठाव करेंगे। ये बातें शुक्रवार को पंचायत के महारानी स्थान प्रांगण में इस योजना के तहत ठोस एवं तरल अवशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रम का विधिवत उदघाटन करते हुए डीआरडीए के निदेशक डॉ० राजेश्वर प्रसाद ने कही।
इस क्रम में निदेशक डॉ० प्रसाद, बीडीओ राजेश कुमार, मुखिया राजेश कुमार एवं अन्य आगत अतिथियों द्वारा कचरा उठाव के लिए सज धज कर तैयार सभी 14 ठेलों को हरी झंडी दिखाकर संबंधित वार्डों के लिए रवाना कर किया गया।
इससे पूर्व कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत पदाधिकारियों व आगत अतिथियों को मिथिला परंपरा अनुसार पाग एवं दोपट्टा से स्वागत कर किया गया। उदघाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीडीओ कुमार ने कहा कि मुख्यालय पंचायत से इस कार्यक्रम की शुरुआत करना एक सुखद अनुभव एवं मन को सुकून देने वाली है। इससे जहां, एक ओर पंचायत में स्वच्छता अभियान को बढ़ावा मिलेगा एवं प्रदूषण पर नियंत्रण हो सकेगा। वहीं, अवशिष्ट को वैज्ञानिक तरीके से रीसाईकल कर जैविक खाद व अन्य उत्पाद बनाए जा सकेंगे। वहीं डीआरडीए के निदेशक डॉ० प्रसाद ने इस कार्यक्रम में आम जनमानस की भूमिका व कर्तव्य तथा इससे होनेवाले फायदों पर विस्तार से प्रकाश डाला। वहीं, मुखिया राजेश कुमार ने कहा कि यह क्षण मधवापुर के लिए गौरवपूर्ण है। उन्होंने इस कार्य में पंचायत वासियों को अपने स्तर से सहयोग करने की अपील की। ताकि एक स्वच्छ पंचायत का सपना साकार करने में हम सबकी भूमिका चिंहित हो। कार्यक्रम को बलराम झा, शिवकुमार प्रसाद, प्रखंड समन्वयक राजकरण ठाकुर सहित कई लोगों ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन राकेश कुमार नायक ने किया।
सुबह सुबह हर दरवाजे से कूड़ा उठाव करेंगे कर्मी :
बता दें कि मधवापुर पंचायत में कचरा प्रबंधन के लिए स्वच्छताकर्मियों को डस्टबिन, ठेला गाड़ी, पोशाक, ग्लव्स, सैनिटाइजर सहित अन्य सामग्रियों से लैस कर दिया गया है। इसके तहत पूर्व में ग्राम पंचायत स्तर से सभी परिवारों को हरा एवं नीले रंग के कूड़ेदान दिए गए थे। इनमें हरे रंग के कूड़ेदान में गीले कचरों को जबकि नीले रंग के कूड़ेदान में सूखे कचरों को डालना है। इन कूड़ेदानों को अपने अपने घर के आगे रखना है, जिसे ठेला चालक सुबह सुबह प्रत्येक परिवार से जाकर इकट्ठा कर लेंगे। इसके लिए प्रत्येक वार्ड में दो स्वच्छता मित्र और पंचायत स्तर पर एक स्वच्छता पर्यवेक्षक नियोजित किए गए हैं। पंचायत प्रबंधन क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष मुखिया होंगे।