मधुबनी।
जिला प्रशासन के निर्देशानुसार मिथिला कला विकास समिति (सदस्य बिहार इंटर एजेंसी ग्रुप) के द्वारा बिस्फी प्रखंड के सभी नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को संस्था के सचिव मनोज कुमार झा द्वारा बाल संरक्षण क़ो लेकर प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें 18 वर्ष की उम्र तक के प्रत्येक बच्चे को क्या अधिकार हैं विस्तार रूप से समझाया गया। उन्होंने बताया की बाल संरक्षण समिति का गठन का स्तर कैसा हो। जिला बाल संरक्षण समिति प्रखंड बाल संरक्षण समिति, पंचायत बाल संरक्षण समिति, वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन सुनिश्चित होना चाहिए।कार्यक्रम मे बाल संरक्षण में कौन-कौन से सदस्य होते हैं, इस पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने बताया की बाल संरक्षण का अर्थ बच्चे के हर अधिकार की सुरक्षा है। स्वास्थ्य सुरक्षा परिवार समाज एवं सरकार की भूमिका पर प्रकाश डाला गया। श्री झा ने कहा बच्चे समाज के सबसे असुरक्षित हिस्सा हैं, उनकी अपनी जीवन प्रक्रिया पर नियंत्रण कम होता है। खास करके वैसे बच्चे जो परिस्थितिवश व अन्य बच्चों की अपेक्षा काफी कमजोर होते हैं।संस्था सचिव मनोज झा ने बताया संकटग्रस्त परिवार के बच्चे एवं सड़क पर के बच्चे संस्थाओं में रहने वाले बच्चे इन सभी बच्चों पर पंचायत प्रतिनिधियों की नजर होनी चाहिए, जिससे कि उन्हें उनके अधिकार समझा कर उनको सामाजिक दायरे में लाया जा सके। बहुत बच्चे शारीरिक उत्पीड़न, भावनात्मक उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न से पीड़ित होते हैं।उनको उनका अधिकार देकर समाज के दायरे में लाना होगा। यह पंचायत प्रतिनिधियों का जिम्मेदारी पंचायत स्तर पर कमेटी बनाकर मासिक बैठक कर हमें यह समय-समय पर सुनिश्चित करना होगा कि हमारे पंचायत में बाल श्रम, बाल विवाह एवं बाल तस्करी जैसा कोई भी काम नहीं हो रहा है, और यदि हो रहा है तो उसने उसके लिए जो कानून बना है। उस का प्रतिपादन करते हुए पंचायत कमेटी कार्रवाई कर बच्चों को मुख्यधारा में रखें। यह पंचायत समिति का अधिकार है।
कार्यक्रम मे जिला प्रशासन के तरफ से रजनीश कुमार, डीपीआरसी नोडल ऑफिसर कमलेश कुमार डीपीआरसी नोडल ऑफिसर, प्रखंड विकास पदाधिकारी और सभी पंचायत प्रतिनिधि एवं संस्था गणेश कुमार दास, विकास कुमार, भोगेंद्र ठाकुर एवं अन्य उपस्थित रहे।