आयुष्मान भारत बीमा योजना में फर्जीवाड़ा रोकने तथा क्रॉस मूल्यांकन के लिए जिला स्तरीय टीम ने हरसन हॉस्पिटल में 3 मरीजों का लाइव ऑडिट किया गया, साथ ही लाभार्थी को मिलने वाले सुबिधा का लाभ का भौतिक सत्यापन किया।
विदित हो कि योजना के तहत बिहार के कई जिलों में योजना के तहत नाम किसी का और इलाज किसी और का हो रहा था इसी के सत्यापन को लेकर लाइव ऑडिट किया गया।
इस बाबत डीपीसी कुमार प्रियरंजन ने बताया की योजना से संबंधित अस्पतालों के द्वारा किए इलाज की उचित प्रक्रिया, पोर्टल में जिस मरीज का नाम अंकित है, उसी मरीजों का इलाज हुआ है या नहीं की जांच की गई।
जिलास्तर पर एंटी फ्रॉड यूनिट का किया गया है गठन :
उन्होंने बताया योजना से संबंधित जिलास्तर पर गठित एंटी फ्रॉड यूनिट का गठन किया गया है, जिसमें वरीय उप समाहर्ता कुमारी आरती, नोडल पदाधिकारी, मेडिकल ऑफिसर के रूप में नामित अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आर.के. सिंह, जिला कार्यक्रम समन्वयक कुमार प्रियरंजन, जिला आईटी मैनेजर प्रभाकर रंजन का संयुक्त टीम गठित किया गया है, जिसके तहत राज्य व राष्ट्रीय स्तर की कमेटी के पास जाने वाली हर शिकायत की जांच जिला स्तर पर बनी कमेटी जाँच करता है। जांच कमेटी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर ही स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट तथा राष्ट्रीय फ्रॉड यूनिट के द्वारा उचित कार्रवाई की जाती हैं। इसके लिए जिला स्तरीय कमेटी को पूर्व में प्रशिक्षित भी किया गया है। इस यूनिट का मकसद जिला अंतर्गत आयुष्मान योजना से संबंधित सभी सरकारी व प्राइवेट सूचीबद्ध अस्पतालों की तरफ से भेजे जाने वाले संदेहास्पद मामलों (लाभार्थी एवं अस्पतालों) का जांच करना है ताकि फर्जीवाड़ा को रोका जा सके।
शिकायत दर्ज करने के लिए डीआरजीसी का गठन :
जिला कार्यक्रम समन्वयक कुमार प्रिय रंजन ने बताया डिस्ट्रिक्ट एंटी फ्रॉड यूनिट के अलावा जिले में डीआरजीसी (डिस्ट्रिक्ट ग्रिवांस रेड्रेसल कमिटी) का गठन किया गया है, जहां लोग योजना से संबंधित ऑनलाइन तथा ऑफलाइन शिकायत भी कर सकते हैं। जिसके तहत किसी भी तरह का शिकायत जैसे पात्र लाभार्थी का कार्ड बनने में परेशानी, चिकित्सा सुविधा में परेशानी, या इलाज में अस्पतालों द्वारा पैसे का मांग उसका समाधान कमेटी के द्वारा किया जाता है। इस कमेटी का अध्यक्ष जिला पदाधिकारी को बनाया गया है उपाध्यक्ष सिविल सर्जन को बनाया गया है। जिला कार्यक्रम समन्वयक को डिस्ट्रिक्ट ग्रिवांस नोडल ऑफिसर व सदस्य सचिव, एक जिलास्तरीय पदाधिकारी भी हैं, जिसे जिला पदाधिकारी द्वारा नामित किया गया है इसके अतिरिक्त एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सदस्य हैं।
शिकायत का निवारण ससमय होगा : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने बताया कि कार्यक्रम की एक विशिष्ट पहलू के तहत मधुबनी जिले में जिला स्तरीय एंटी फ्रॉड यूनिट (डाफू) व डीआरजीसी का गठन किया गया है, जहां लोग योजना से संबंधित अपना शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। उसका निराकरण ससमय ऑफलाइन तथा ऑनलाइन किया जाएगा, जो संदेहास्पद मामलों पर निगरानी रखेगा।