उक्त बैठक में उप सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार, भास्कर झा की गरिमामई उपस्थिति भी रही। बैठक के दौरान पोषण ट्रेकर, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना, विद्यालय पूर्व अनौपचारिक शिक्षा, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा , टी एच आर, पोषाहार, गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं की स्वास्थ्य जांच , टीकाकरण सहित मिशन उत्कर्ष की योजनाओं की समीक्षा भी की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सरकार की योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ प्रदान करना जिला प्रशासन की प्राथमिकता में शुमार है। उन्होंने कहा कि जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण की जांच हेतु बच्चों के वजन मापन के लिए तूलिका के खराब रहने की शिकायत मिल रही है। ऐसे में जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों से इस आशय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाए। ताकि, नए तूलिका की आपूर्ति की जा सके।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि विभाग से प्राप्त निर्देश के आलोक में ऐसे आंगनवाड़ी केंद्र जो किराए के भवन में अथवा कच्चे भवन में संचालित हैं, उन्हें नजदीक के सरकारी विद्यालय में संचालित किया जाएगा।
बैठक को संबोधित करते हुए उप सचिव महोदय ने कहा कि सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्ण रूप से सुविधायुक्त संचालित करना सरकार के लक्ष्य में शामिल है। इस दिशा में लगातार कोशिशें जारी हैं। उन्होंने सभी सेविकाओं और सहायिकाओं के रिक्त पदों को जल्द भरे जाने की उम्मीद जताई।
उक्त बैठक में उप विकास आयुक्त, विशाल राज, प्रभारी जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आईसीडीएस, कविता कुमारी, जिला योजना पदाधिकारी, विनोद कुमार सिंह, सहित जिले के सभी प्रखंडों की डीपीओ आईसीडीएस उपस्थित थीं।