- निक्षय मित्र योजना के तहत ज़िले में अभी तक 66 टीबी मरीजों को लिया गया गोद
-विभागीय स्तर पर टीबी मरीजों का लगातार किया जाता है पर्यवेक्षण
-निक्षय मित्र योजना के तहत मरीजों को मिल रही सहूलियत
-टीबी मरीजों को मदद दिलाने के लिए जिलेवासियों से की जा रही अपील
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत वर्ष 2025 तक टीबी जैसी संक्रामक बीमारी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। कार्यक्रम को लेकर एएनएम सभागार में मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया बैठक के दौरान सीडीओ डॉ. जी.एम. ठाकुर ने बताया कि सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से टीबी मरीजों की लगातार पर्यवेक्षण/निगरानी कर रहा है। देश में टीबी मरीज़ों की संख्या बढ़ने का मुख्य कारण यह भी है कि अधिकतर मरीज बीच में ही इलाज एवं नियमित रूप से दवा का सेवन करना छोड़ देते हैं। इसीलिए विभाग द्वारा निक्षय मित्र योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत मरीजों को गोद लिया जाता है। ज़िले में अभी तक निक्षय मित्र योजना के तहत 66 मरीजों को गोद लिया गया है। अभी तक आईआईएच के अलावा सीएचओ दयानंद प्रसाद के द्वारा 01 मरीज को पीएचसी पंडौल के कर्मियों के द्वारा 4 मरीज तथा एसटीएस भवन्नारायण कंठ के द्वारा एक मरीज को गोद लिया गया है।
निक्षय मित्र योजना के तहत मरीजों को मिल रही सहूलियत :
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. जी.एम. ठाकुर ने बताया कि निक्षय मित्र योजना के तहत टीबी रोग से पीड़ित लोगों को गोद लिया गया है। अभी भी इसकी प्रक्रिया चल रही हैं। इस अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्था को कम से कम एक वर्ष के लिए और अधिक से अधिक तीन वर्ष के लिए किसी ब्लाक, वार्ड या जिले के टीबी मरीज को गोद लेकर उन्हें भोजन, पोषण, आजीविका के स्तर पर आवश्यकता अनुसार मदद करनी होती है।
टीबी मरीजों को मदद दिलाने के लिए जिलेवासियों से की जा रही अपील: डीपीसी
ज़िला यक्ष्मा केंद्र के डीपीसी पंकज कुमार ने बताया कि टीबी से ग्रसित मरीजों के लिए सामान्य नागरिक, गैर सरकारी संस्थान एवं ज़िले के जनप्रतिनिधियों सहित अन्य लोगों को निक्षय मित्र बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। निक्षय मित्र बन कर टीबी मरीजों की सहायता करने के लिए स्वास्थ्य विभाग अपील कर रहा है। निक्षय मित्र टीबी मरीजों को पोषण के साथ-साथ रोजगार के लिए अवसर उपलब्ध कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा निभाते हैं। निक्षय मित्र बनने के लिए communitysupport.nikshay. in पर लॉगिन करें। उसके बाद प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान पर क्लिक करें। इसके बाद निक्षय मित्र के आवेदन पत्र पर क्लिक कर अपनी पूरी जानकारी देकर इस अभियान से जुड़ा जा सकता है।
ज़िले में अभी तक 66 को लिया गया गोद, इसमें आई आई एच ने सबसे अधिक 60 को लिया गोद :
डीपीसी पंकज कुमार ने बताया कि आईआईएच के द्वारा सबसे अधिक 60 निक्षय मित्र बनाया गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा निक्षय मित्र बनाया गया है। टीबी मरीजों को गोद लेने वाली सामाजिक संस्थाओं, औद्योगिक घरानों, शैक्षणिक संस्था और व्यक्ति निक्षय मित्र कहलाएंगे। निक्षय 2.0 पोर्टल पर पंजीकरण करने के बाद ही उस व्यक्ति को निक्षय मित्र कहा जा सकता है। निक्षय मित्र बनने के लिए सदर अस्पताल परिसर स्थित जिला यक्ष्मा केंद से संपर्क किया जा सकता है।
उक्त समीक्षा बैठक में डीपीसी पंकज कुमार, डीपीएस राजा राम भारती, अनिल कुमार, सत्य नारायण शर्मा, भुवन नारायण कंठ, मोहम्मद अमीरूद्दीन, लैब टेक्निशियन, एसटीएस, एसटीएलएस, डॉक्टर्स फॉर यू, आईआईएच इंडिया, डीएफआईटी के कर्मी मौजूद रहे।