पंडित चंदेश्वर बाबा के नेतृत्व में कल्याणेश्वर महादेव स्थान परिसर में परमहंस बाबा की याद में शामिल हुए लोग
हरलाखी। यूं तो सदियों से गुरु पूर्णिमा की एक अपना अलग महत्व रहा है। इस दिन गुरुओं के पूजने की परंपरा है। जिसका सीधा संदेश भारत पूरी दुनिया को देता है। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हरलाखी प्रखंड क्षेत्र स्थित पौराणिक धरोहर कल्याणेश्वर महादेव कलना स्थान परिसर में परमहंस बाबा की याद में महाभंडारा का आयोजन किया गया। जिसमे क्षेत्र के करीब दस हजार से अधिक लोग प्रसाद ग्रहण करने पहुंचे। विदित हो कि कर्मेश्वर मानव सेवा संस्थान के तत्वधान में महाभंडारा का आयोजन किया गया। जहां सबसे पहले संस्थापक सह संस्था के अध्यक्ष पंडित चंदेश्वर बाबा महादेव और परमहंस बाबा की पूजा अर्चना किए। उपरांत हनुमान जी महाराज का ध्वजा रोहन कर गुरु पूर्णिमा के बारे में श्रद्धालुओं को विस्तार से बताया।उन्होंने कहा कि गुरु शिष्य का यह पावन पर्व है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेद व्यास का आज से 3 हजार ईशा पूर्व जन्म हुआ था। मान्यता है कि इसके जन्म पर ही गुरु पूर्णिमा जैसे महान पर्व मनाने की परंपरा शुरू हुई थी। उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा कि महर्षि वेद व्यास बाल्यकाल में ही अपने माता पिता से प्रभु की दर्शन करने की इच्छा जाहिर किया था। लेकिन इनके माता पिता ने इनकी इच्छा को ठुकरा दिया था। बावजूद महर्षि हठ करने लगे, जिस पर उन्हें वन में जाने की अनुमति मिली और वन में जाकर कठिन तपस्या कर संस्कृत में चारों वेद, महाभारत तथा अठारह महापुरषों की रचना किए। इसी कारण गुरु पूजन की सदियों से परंपरा चली आ रही है। इसलिए आज भी गुरु सर्वश्रेष्ठ और पूजनीय है। इस मौके पर संस्था के सचिव झौली यादव, उपाध्यक्ष श्याम सुन्दर यादव, उपसचिव पूनम कुमारी, कोषाध्यक्ष मिथिलेश कुमार, सलाहकार शंभू यादव, रिपार्जेंटिव शैलेंद्र कुमार, सदस्य राजलाल यादव, विजय यादव, रामचंद्र यादव, सुधीर कुमार, चंद्रदेव यादव, कुलदीप यादव, संजय यादव, ममता कुमारी, संजीव पासवान और धर्मेंद्र राउत समेत अन्य सदस्य सहित हजारों भक्त गण मौजूद थे।
