खजौली, मधुबनी।
हिन्दू धर्म की सबसे बड़ा दस दिवसीय त्योहार दुर्गा पूजा शुरू होने में महज दस दिन रह गया हैं। दस दिवसीय दुर्गा पूजनोत्सव को लेकर तैयारी प्रखंड क्षेत्र के श्रीश्री 108 श्री वैष्णवी दुर्गा पूजा बेहटा मैना, मंगती चौक दुर्गा मंदिर सहिम विभिन्न गांव में दुर्गा मंदिर पर जोरों से चल रही है तैयारी। वही पूजा को लेकर विभिन्न गांव के दुर्गा पूजा समिति के सदस्यों के द्वारा पूजा की तैयारी को लेकर जी जान से युद्ध स्तर पर जुट चुका है। सार्वजनिक स्थान की साफ सफाई के साथ मंदिर में रंग रोगन के साथ मंदिर में ससमय प्रतिमा स्थापना को लेकर कुम्भकार कलाकार के द्वारा प्रतिमा निर्माण की कार्य जोरों से किया जा रहा है। वही प्रखंड के कई मंदिर परिसर में भव्य पंडाल निर्माण व आकर्षक गुम्बद निर्माण को लेकर बांस-बल्ला का कार्य सुरु कर दिया है।
विदित हो कि पिछले दो वर्ष कोरोना काल के दौरान पाबंदी के बाद इस बर्ष दस दिवसीय दुर्गा पूजा को लेकर लोगों में उत्साह देखते बन रहा है। वही ग्रामीण परिवेश में परदेशियों की आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। दस दिवसीय शारदीय नवरात्रा की सुरुआत 26 सितंबर को कलश स्थापना के साथ शुरू होगी। वही प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांव के दर्जनों लोगों की माने, तो अब प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों जगह पर शारदीय नवरात्रा मनाया जाता है। लेकिन प्रखंड क्षेत्र के ठाहर गांव स्थित दुर्गा मंदिर में प्रतिमा स्थापित कर दरभंगा महाराज के समय से पूजा-अर्चना किया जा रहा है। वही लोगों ने बताया कि पहले मधुबनी जिला में जब इक्का-दुक्का जगह ही शारदीय नवरात्रा की पूजा अर्चना किया जाता था। उसी समय से ठाहर स्थित पूजा-अर्चना व मेला का आयोजन किया जा रहा है। वही आज शुक्रवार को प्रखंड के दतुआर गांव स्थित महामाया मंदिर परिसर के दुर्गा मंदिर के परिसर के साफ सफाई के साथ गुंबन्द को सजाने के लिए बांस-बल्ला लगाने का कार्य सुरु कर दिया गया है। वही इस दौरान श्रीश्री 108 श्री दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष व पुजारी दिलीप कुमार बताते है कि यहां बर्ष 2015 से लगातार विधिवत रूप से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नरार गांव के कुशल कारीगरों के द्वारा प्रतिमा निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है, वही पूजा पंडाल व गुंबद निर्माण को लेकर बांस-बल्ला का कार्य सुरु कर दिया है। वही उन्होंने बताया कि बर्ष 2015 से पूर्व यहां शारदीय नवरात्रा नही मनाया जाता था, लेकिन दतुआर गांव के सभी वर्ग के लोगों के द्वारा यहां शारदीय दस दिवसीय नवरात्रा मनाने का निर्णाय लिया गया। वही उसी बर्ष से पूजा-अर्चना शुरू किया गया, साथ ही भव्य मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। जहाँ शारदीय नवरात्र में लगमा के विद्वान पंडितों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा किया जाता है, वही भव्य मेला का भी आयोजन मनोरंजन के लिए किया जाता है।