• जन्मपत्री के नाम पर रुपये लेने का आरोप
• बच्चों का फर्जी हाजिरी बनाकर पोषाहार का राशि से करते है जेब गरम
एक तरफ सरकार बच्चों का कुपोषण रोकने के लिए बाल विकास परियोजना कार्यालय को करोड़ो रुपया मुहैया कराती है, वहीं दूसरी तरफ आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चो की पोषाहार में कटौति कर हजारों रुपये का बचत करना आंगनबाड़ी सेविकाओं के लिए आम बात हो गया है।
सूत्रों की माने तो आंगनबाड़ी केंद्रों का जांच भी इसलिए नही होता कि पोषाहर की राशि का कमीशन वरीय पदाधिकारी तक जाता है।
ताजा मामला मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड के कौआहा बरही पंचायत अंतर्गत वार्ड नम्बर 9 का है, जहां आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 198 पर घोर अनियमितता उजागर हुआ है। आपको बता दें कि केंद्र की सेविका प्रमिला कुमारी के द्वारा केंद्र पर बच्चों का कम उपस्थिति रहने के बावजूद 40 बच्चों का हाजिरी बना लिया जाता है। इस संबंध में वार्ड सदस्य सह केंद्र के अध्यक्ष चंद्रशेखर मुखिया समेत कई ग्रामीणों का कहना है कि हर रोज उक्त केन्द्र पर 10 से 15 बच्चे ही आते है, लेकिन सेविका के द्वारा फर्जी तरिके से हाजिरी बनाकर हर महीने पोषाहार के हजारों रुपये का घपला कर जेब गरम किया जाता है। केंद्र पर मेनू के हिसाब से पोषाहार भी नही दिया जाता है। पुलाव के जगह हल्दी, नमक मिश्रित चावल दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि सेविका के द्वारा जन्मपत्री बनाने के लिए भी चार से पांच सौ रुपया रिश्वत के रूप में लिया जाता है।
इस मामले को लेकर वार्ड सदस्य समेत कई ग्रामीणों ने उक्त केन्द्र को जांच कर सेविका के विरुद्ध कार्रवाई करने का मांग वरीय पदाधिकारी से किया है।
वहीं सेविका ने बताया कि केन्द्र पर बच्चे नही आते है, तो हम क्या करें?
इस बाबत हरलाखी सीडीपीओ पुष्पा कुमारी से सरकारी मोबाईल नम्बर पर कई बार संपर्क का कोशिश किया गया, लेकिन सम्पर्क असफल रहा।