अभी भी समय पर खून उपलब्ध नहीं होने के कारण किसी गर्भवती महिला का प्रसूति रुक जाता है, तो किसी का डायलिसिस, किसी अनीमिया मरीज का खून के अभाव के कारण दिनचर्या रुक जाता है, तो किसी थैलेसीमिया पीड़ित को मौत को गला लगाना पर जाता है। रक्त एक मात्र ऐसा चीज़ है जिसके मिलने का कोई दूसरा स्रोत नही होता सिवाय रक्तदान के।
वहीं, ग्रामीण स्तर पर अभी भी लोगों को रक्तदान के महत्व का पता नही हैं। लोग रक्तदान करने से कतराते हैं।
पिछले कई साल से मधुबनी जिले के पंडौल प्रखंड के सरिसब-पाही के अयाची नगर युवा संगठन वैसे लोगों के बीच मे मोटिवेशन का काम करते आ रही है, साथ ही रक्तदानक के प्रति जनजागृति का काम करते आ रही है। इसके साथ ऐसे जरूरमंद लोग, जिन्हें खून की जरूरत होती और उनका कोई सहारा नही होता ऐसे स्तिथि में संगठन सहायक बनके रक्त उपलब्ध कराते आ रहा हैं।
इसी बीच सरिसब-पाही के एक 53 वर्षीय महिला मरीज जिनका डायलेसिस होना था और ये इस कारण से रुक गया था कि परिजन कोई खून कहीं से नही मिल पा रहा था। परिजन स्वयं पिछले डायलेसिस में रक्तदान कर दिए थे और 90 दिन पूर्ण नही हुआ था कि पुनः रक्तदान करे। परिजन का कहना हैं कि अपने हित-अपेक्षित, दोस्त और आसपास के लोगों के सामने गुहार लगाए लेकिन सभी ने मुँह फेर लिया, जो निन्दनीय है। अंततः परिजन अयाची नगर युवा संगठन के संस्थापक विक्की मंडल से संपर्क किये, ओर अपनी समस्या बताये। संस्था के संस्थापक स्थिति को देखते हुए बिना विलम्ब एक यूनिट ब्लड एबी पॉजिटिव मरीज के लिए अपने संस्था के माध्यम से प्रदान किया।
मौके पर संगठन के संस्थापक बताते हैं रक्तदान करने से किसी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं होती है। युवाओं को समय-समय पर रक्तदान करना चाहिए, ताकि ब्लड बैंक में ब्लड भरा रहे। रक्तदान के लिए धन की जरूरत नहीं है, एक बड़े दिल और साहस की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से बहुत सारी बीमारियां भी शरीर से दूर रहती है। युवा वर्ग को नियमित समय पर रक्तदान करते रहना चाहिए।