मुख्य सचिव ने पत्र जारी कर जिले के जिलाधिकारी को दिया निर्देश
आईसीडीएस (समेकित बाल विकास सेवा योजना) कार्यक्रम के सफल संचालन में आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से निबंधित गर्भवती/धात्री माताओं, किशोरी बालिकाओं एवं 0 से 6 वर्ष उम्र के बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा, पूरक पोषाहार, स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण तथा स्वास्थ्य सेवा एवं पोषण शिक्षा से संबंधित सेवाएं प्रदान की जाती है। सेवा में किसी भी प्रकार की कमी से बच्चों/महिलाओं के स्वास्थ्य एवं अन्य मापदंडों के विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। मधुबनी जिले के आंगनवाड़ी केंद्रों के सफल संचालन एवं अनुश्रवण के लिए आईसीडीएस योजना के अंतर्गत कार्यरत जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका एवं सेविका सहायिका की अहम भूमिका है। प्रायः ऐसा होता है कि समेकित बाल विकास परियोजना के अंतर्गत कार्यरत पदाधिकारी/कर्मचारी तथा आंगनवाड़ी सेविका/सहायिका को अन्य विभागों से संबंधित कार्य में भी प्रतिनियुक्त किया जाता है, जिससे विभाग की अपनी योजनाओं से संबंधित कार्य प्रभावित होते हैं। इसको लेकर मुख्य सचिव बिहार सरकार ने पत्र जारी कर जिले के जिला अधिकारी को निर्देशित किया है कि समेकित बाल विकास परियोजना के किसी भी कर्मी को अब किसी भी योजनाओं में सम्मिलित नहीं किया जाएगा जारी पत्र में बताया गया है कि आंगनबाड़ी सेविकाओं/ सहायिकाओं को स्वास्थ्य से संबंधित ऐसे कार्यक्रमों में लगाया जा सकेगा, जो समेकित बाल विकास सेवा योजना से संबंधित होता था। जिसके लिए उन्हें अपने केंद्र छोड़कर अन्य किसी के जगह जाने की आवश्यकता नहीं होगी। पल्स पोलियो अभियान के कार्य में लगाया जा सकेगा, परंतु उनके द्वारा यह कार्य आंगनबाड़ी केंद्र में ही किया जाएगा।