• राजनगर सीएचसी में मेले का हुआ आयोजन, लोगों को किया गया जागरूक
• बच्चे दो ही अच्छे, छोटा परिवार सुखी परिवार, समझदारी दिखाइए, परिवार नियोजन का साधन अपनाइये
जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर मधुबनी जिले में 27 जून से 10 जून तक दंपति संपर्क पखवारा तथा 11 जुलाई से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवारा मनाया जा रहा है। जिसके तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा राजनगर सीएचसी में परिवार नियोजन मेला का आयोजन किया गया। मेले का आयोजन दीप प्रज्वलित कर किया गया, जिसके तहत लोगों को परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई साधन के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही नियोजन के अस्थाई साधनों के स्टाल लगाए गए, जिसके माध्यम परिवार नियोजन को अपनाने के लिए योग्य दंम्पत्तियों एवं उनके परिवार वालों को जागरूक किया गया और सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई तमाम सुविधाओं का भी विस्तृत जानकारी दी गई। राजनगर सीएचसी में मेला का उदघाटन एमओआईसी डॉ० निरंजन जायसवाल, डॉक्टर खुशबू कुमारी, डॉक्टर संजीव कुमार झा, प्रधान लिपिक भास्कर झा, प्रखंड स्वस्थ प्रबंधक महेश कुमार, बीसीएम रविन्द्र कुमार व सुभेश कुमार अनल, लैब टेक्नीशियन इस्माहतुल्लाह उर्फ गुलाब संयुक्त रूप से मेले का उद्घाटन किया गया।
मौके पर स्वास्थ प्रबंधक, बीसीएम, लेखापाल, परिवार नियोजन समन्वयक सौरभ कुमार समेत बड़ी संख्या में एएनएम व आशा कार्यकर्ता के अलावा योग्य दंपत्ति भी मौजूद थे।
इस मौके पर बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ योग्य दंपत्ति भी मौजूद थे।
छोटा और खुशहाल परिवार के लिए परिवार नियोजन जरूरी:
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ० निरंजन जायसवाल ने बताया की इस दौरान योग्य दंम्पत्तियों एवं उनके परिवार वालों को परिवार नियोजन की सुविधा अपनाने के लिए जागरूक किया गया। साथ ही इस साधन को अपनाने से होने वाले फायदे, सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई तमाम सुविधाओं की भी जानकारी दी गई, ताकि योग्य महिलाएं इस साधन को अपनाने के लिए बेहिचक आगे आ सके। वहीं, उन्होंने कहा, छोटा और खुशहाल परिवार के लिए परिवार नियोजन को अपनाने की बेहद जरूरत है। क्योंकि, जब आपका परिवार छोटा होगा, तभी आपके पूरे परिवार को उचित परवरिश मिलेगी और आप अपने बच्चे को उचित शिक्षा देने में सक्षम रहेंगे। इसलिए, शादी के साथ ही परिवार की संख्या की योजना तैयार करें।
मेले में फैमिली प्लानिंग कार्नर की भी हुई स्थापना मेले में फैमिली प्लानिंग कार्नर की भी स्थापना की गयी है, जहाँ तैनात एएनएम द्वारा महिलाओं को स्थाई और अस्थाई संसाधनों की जानकारी दी जाएगी। जिसमें अगर कोई महिला परिवार नियोजन ऑपरेशन के लिए इच्छुक हैं किन्तु, वह शारीरिक रूप से ऑपरेशन के लिए सक्षम नहीं हैं तो ऐसे महिलाओं को कंडोम, काॅपर-टी, छाया, अंतरा समेत अन्य अस्थाई संसाधनों की जानकारी देकर अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। कार्नर पर ही उक्त संसाधन मुफ्त में उपलब्ध कराएं जाएंगे। जिससे अस्थाई संसाधनों को भी गति मिले और लोगों को आसानी के साथ सुविधा का लाभ मिल सके। वहीं, उन्होंने बताया की वैकल्पिक व्यवस्था भी पूरी तरह सुरक्षित है। इसका किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं है। किन्तु, किसी भी प्रकार का वैकल्पिक व्यवस्था को अपनाने के पूर्व हर हाल में चिकित्सकों से सलाह लें और चिकित्सा परामर्श के बाद ही अपनाएं, ताकि अपनाने के बाद किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो।
स्वस्थ माँ और मजबूत बच्चे के लिए तीन साल का अंतर जरूरी परिवार नियोजन समन्वयक सौरभ कुमार ने कहा, स्वस्थ माँ और मजबूत बच्चे के लिए बच्चे के जन्म में तीन साल का अंतर रखना जरूरी है। इसलिए, अगर आप खुशहाल परिवार की जिंदगी जीना चाहते हैं तो पहला बच्चा 20 के बाद और दूसरे बच्चे में कम से कम तीन साल अंतराल जरूर रखें। इससे ना सिर्फ स्वस्थ माँ और मजबूत बच्चे होगा, बल्कि, जच्चा-बच्चा दोनों भविष्य में भी अनावश्यक शारीरिक परेशानी से दूर रहेंगे। दरअसल, तीन साल का अंतर रखने से माँ तो स्वस्थ रहती ही है। साथ ही बच्चे की भी रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। जिससे दोनों संक्रामक समेत अन्य बीमारियों से भी दूर रहते हैं वहीं, उन्होंने कहा इस साधन को अपनाने से ना सिर्फ छोटा और सीमित परिवार होगा, बल्कि, जहाँ महिलाओं की शारीरिक विकास होगा। वहीं, परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगा।