विश्व प्रतिनिधि भाषाओं में संस्कृत वैभव” इस विषय को लेकर अंतरराष्ट्रीय सप्त दिवसीय विचार गोष्ठी का आयोजन
आजादी के अमृत महोत्सव पर विश्व संस्कृत सप्ताह के पर्व पर महर्षि पाणिनी संस्कृत वैदिक विश्वविद्यालय, संस्कृत भारती महेंद्रगढ़ तथा जाह्नवी संस्कृत ई-शोध पत्रिका के संयुक्त तत्वाधान में मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय सप्त दिवसीय विचार गोष्ठी आयोजित की गई। “विश्व प्रतिनिधि भाषाओं में संस्कृत वैभव” इस विषय को लेकर विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने संस्कृत की महत्ता पर विचार प्रकट किये। बतौर मुख्यातिथि हिमाचल प्रदेश के शिक्षा, भाषा, कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने जाह्नवी ई-शोध पत्रिका का लोकार्पण करते हुए आधुनिकता के दौर में इस पत्रिका की महती उपयोगिता बताया। सारस्वत अतिथि के रूप में प्रो० अम्बरीश विद्यार्थी ने अपने वक्तव्य में कहा कि संस्कृत विश्व की प्राचीन भाषा है। हमारे चारों वेद, महाभारत, रामायण सभी संस्कृत भाषा में ही समाहित है संस्कृत भाषा हमारी वैज्ञानिकी भाषा है, और हमें इस पर रिसर्च करते रहना चाहिए। संस्कृतभारती अवध प्रांत के प्रांत अध्यक्ष शोभनलाल उकील ने भी संस्कृत के प्रति हमारा मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अर्चना झा के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत व कार्यक्रम का परिचय डॉ० बिपिन झा जी के किया। शिल्पी ने जाह्नवी संस्कृत ई-शोध पत्रिका का परिचय देते हुए सभी को पत्रिका से अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन डॉ० सुमन के.एस. तथा धन्यवाद ज्ञापन मदन मोहन तिवारी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य सम्पादक लगमा आदर्श महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० सदानंद झा, लोकार्पण प्रतिनिधि रिपुदमन पण्डित,सुश्री रजनी, डॉ० रामसेवक झा आदि शामिल थे।